नागपुर (महाराष्ट्र) स्थित अग्रसेन भवन में 29 से 31 जुलाई 2025 तक आयोजित विश्वमांगल्य सभा की त्रिदिवसीय चिंतन बैठक में सहभागी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह आयोजन राष्ट्र निर्माण की दिशा में संस्कार, सेवा और संगठन के मूल मंत्रों को समर्पित एक सशक्त मंच रहा, जहाँ विविध सत्रों के माध्यम से समाज जीवन को दिशा देने वाले विचारों का आदान-प्रदान हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का सान्निध्य एवं मार्गदर्शन प्राप्त होना अत्यंत सौभाग्यपूर्ण और प्रेरणास्पद रहा। उनके विचारों ने न केवल वैचारिक स्पष्टता दी, बल्कि सेवा और समर्पण के मूल्यों को जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा भी दी। सभा में पूज्य श्री जितेन्द्रनाथ जी (सभाचार्य, विश्वमांगल्य सभा), श्री प्रशांत हरतालकर जी (राष्ट्रीय मार्गदर्शक), श्रीमती रेखा खंडेलवाल जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष), श्रीमती वृशाली जोशी जी (केन्द्रीय संगठन मंत्री), श्रीमती पूजा देशमुख जी (राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री) एवं श्रीमती पूजा पाठक जी (क्षेत्रीय संगठन मंत्री, मध्यप्रदेश) सहित अनेक वरिष्ठजनों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इन तीनों दिनों में कार्यकर्ता निर्माण, मातृशक्ति सशक्तिकरण, स्वास्थ्य योजनाएं, संगठनात्मक मर्यादा, संवाद एवं समर्पण जैसे विषयों पर आधारित सत्रों में सहभागी बनकर वैचारिक समृद्धि एवं आत्मिक ऊर्जा की अनुभूति हुई। विश्वमांगल्य सभा का यह चिंतन शिविर न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह जीवन को राष्ट्रसेवा के पथ पर पुनः समर्पित करने का एक सशक्त अवसर था। ऐसे आयोजनों से जुड़कर स्वयं को धन्य मानती हूँ।